Red Paper
Journal of Current Research in Food Science
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P-ISSN: 2709-9377, E-ISSN: 2709-9385
Peer Reviewed Journal

Journal of Current Research in Food Science

2024, Vol. 5, Issue 2, Part C
जल्दी और देर से शादी करने वाली महिलाओं में वैवाहिक समायोजन


Author(s): डॉ. उर्वशी कोइराला

Abstract: विवाह भारतीय समाज की सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक संस्थाओं में से एक है। यह केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं बल्कि सामाजिक सांस्कृतिक और पारिवारिक संस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जो न केवल दो व्यक्तियों का बल्कि दो परिवारों और उनके सांस्कृतिक मूल्यों का भी मिलन है। महिलाओं के जीवन में विवाह का समय जल्दी या देर से उनके व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन को प्रभावित करता है। जल्दी विवाह करने वाली महिलाओं को अक्सर शिक्षा बीच में ही अधूरी छोड़नी पड़ती है। कम उम्र में ही पारिवारिक जिम्मेदारियां उठानी पड़ती है और पढ़ाई बीच में छूट जाने के कारण आर्थिक रूप से पति या परिवार के अन्य सदस्यों पर निर्भर रहना पड़ता है। दूसरी ओर देर से विवाह करने वाली महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर शिक्षित और आत्मविश्वासी होती हैं लेकिन जैविक सीमाओं, सामाजिक दबाव, परिवार नियोजन, पति-पत्नी के बीच मतभेद जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। देर से शादी के फायदे और नुकसान दोनों हैं, हालांकि कुछ लोग अपने जीवन के अंतिम चरण में शादी करना पसंद करते हैं और कुछ लोगों को उपयुक्त उम्र में शादी करने का अवसर नहीं मिलता फिर भी दोनों को देर से शादी करने के दुष्परिणाम भुगतने पड़तें हैं। परिणाम बताते हैं कि विवाह की उम्र चाहे जल्दी हो या देर से सफल वैवाहिक जीवन के लिए संवाद, समझ और पारस्परिक सहयोग अत्यंत आवश्यक है।

Pages: 178-182 | Views: 816 | Downloads: 94

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Journal of Current Research in Food Science
How to cite this article:
डॉ. उर्वशी कोइराला. जल्दी और देर से शादी करने वाली महिलाओं में वैवाहिक समायोजन. J Curr Res Food Sci 2024;5(2):178-182.

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